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मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि झारखंड का एससी - एसटी उद्यमी नौकरी मांगने वाला नहीं, बल्कि नौकरी देने वाला बने। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार बहुत जल्द एक इंडस्ट्रियल पॉलिसी बनाएगी, जिसके तहत एससी - एसटी उद्यमियों को सब्सिडी मिलेगी। उन्हें इंटरेस्ट में छूट दी जाएगी। इसके लिए जल्द ही एक प्रारूप बनाया जाएगा, जिसके बाद इस नीति को झारखंड में लागू कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री आज रांची के धुर्वा स्थित गोल चक्कर मैदान में एससी - एसटी स्टैंड अप इंडिया अवेयरनेस प्रोग्राम के तहत आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। 

उद्योग निदेशालय और झारखंड सरकार द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने 10 एलपीजी टैंकरों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह टैंकर झारखंड के युवा उद्यमियों को अगले 5 वर्षों तक कांट्रैक्ट के आधार पर प्रदान किया गया है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के एससी - एसटी नौजवान कुल 45 एलपीजी गैस के टैंकरों को संचालित कर आर्थिक रूप से मजबूत बनेंगे। पिछले 67 वर्षों तक इस देश में जनजाति और अनुसूचित जनजाति समाज के लोगों को सिर्फ वोट बैंक समझा गया। कुछ दलों ने सिर्फ उनका इस्तेमाल वोट के लिए किया। बकरी पालन और मुर्गी पालन के लिए ही सिर्फ इन्हें अनुदान मिलता रहा, लेकिन वर्त्तमान केंद्र सरकार ने बड़े स्तर पर बदलाव होने शुरू हुए हैं, जिसका असर झारखंड में भी दिखा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एससी और एसटी के नौजवानों की भी समाज के अन्य वर्गों की तुलना में तरक्की होनी चाहिए। अभी भी समाज का यह तबका काफी पिछड़ा हुआ है। प्रधानमंत्री ने स्टैंड अप इंडिया के माध्यम से सभी बैंकों को यह आदेश दिया है कि उन्हें कम से कम दो SC-ST उद्यमियों को लोन देना आवश्यक है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि एससी-एसटी समाज के लोग उद्योग धंधे में आएं। उनके लिए राज्य सरकार केंद्र के साथ मिलकर बाजार की व्यवस्था करेगी। आने वाले समय में डिक्की ( दलित इंडियन चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ) और टिक्की ( ट्राईबल इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ) के साथ भी मिलकर अच्छी नीतियां बनाई जाएंगी, जिससे समाज के इन लोगों को सीधा लाभ मिलेगा। 

श्री दास ने एससी - एसटी समाज के नौजवानों से सावधान रहने की अपील करते हुए कहा कि कुछ राजनीतिक दल सिर्फ उनका इस्तेमाल करते हैं और उन्हें सिर्फ भ्रमित करते रहते हैं। मुख्यमंत्री ने उनसे राज्य की गरीबी समाप्त करने में भी योगदान देने की अपील की और कहा कि वह अपनी सोच बदलें और लंबी सोच रखें, जिससे उनका और राज्य का भला हो सके। 
क्या हुआ कार्यक्रम में..

कार्यक्रम में 29 एसटी और 16 एससी नौजवानों को एलपीजी गैस के टैंकर प्रदान किए गए। उद्योग निदेशालय और राज्य सरकार द्वारा 10 एलपीजी गैस टैंकर को रवाना किया गया। उक्त टैंकर युवा उद्यमियों को 5 साल के लिए आवंटित किया गया है। इससे पहले कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री ने देश के संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। कार्यक्रम में महाराष्ट्र के पुणे से आये कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि और पद्मश्री से सम्मानित श्री मिलिंद कामले का स्वागत किया गया। 

डिक्की और टिक्की के बारे में जानकारी देते हुए संस्था के अधिकारियों ने बताया कि एससी और एसटी उद्यमियों को आर्थिक जगत में एक प्लेटफार्म देने का काम किया जा रहा है। इसके तहत अभी तक 10 हजार लोगों को उद्यमी बनाया जा चुका है। हर राज्य में इसके चैप्टर हैं साथ ही विदेशों में भी यह संस्था काम कर रही है। बड़ी संख्या में झारखंड के युवा ट्रांसपोर्टिंग में काम कर रहे हैं। 

उद्योग निदेशक के रवि कुमार ने बताया कि इस संबंध में राज्य सरकार की ओर से एक सेल बनाया गया है। महाप्रबंधक स्तर के अधिकारी इसके प्रमुख हैं। यह सेल राज्य में इंटरप्रेन्योर तैयार कर रहा है। इसके लिए पीएसयू के साथ कई बार बैठक भी हो चुकी हैं। स्टैंडर्ड पॉलिसी के तहत बैंकों के सहयोग से महिलाओं को भी उद्यमी बनाया जा रहा है।

डिक्की के चेयरमैन और एससी - एसटी स्टैंड अप इंडिया के चेयरमैन तथा पद्मश्री से सम्मानित मिलिंद कांबले ने कहा कि उद्यमियों के लिए तीन चीजें बेहद महत्वपूर्ण है, जिसमें मनी, मार्केट और मेंटोरिंग शामिल है। श्री कामले ने कहा कि केंद्र सरकार के द्वारा चलाए जा रहे मुद्रा योजना से उद्यमियों को 50 हजार रुपये से लेकर ₹10 लाख तक की आर्थिक मदद मिल रही है। इसके अलावा स्टैंड अप इंडिया योजना से भी ₹10 लाख से लेकर एक करोड़ रुपये तक का आर्थिक सहयोग उद्यमियों को दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मुद्रा योजना के तहत देश में अब तक 15 करोड़ लोग लाभान्वित हुए हैं, जिसमें 23% एससी-एसटी समाज के लोग हैं। श्री कांबले ने कहा कि एससी-एसटी उद्यमियों के लिए 500 करोड़ रुपए के एक वेंचर कैपिटल फंड का भी निर्माण किया गया है। 
SC-ST उद्यमियों से 5% सामानों की खरीद कर रहे देश के 250 PSU

मिलिंद कांबले बताया कि देश के 250 पीएसयू के साथ एक समझौता किया गया है। इसके तहत हर वर्ष लगभग 6 लाख करोड रुपए के सामानों की खरीद पीएसयू के द्वारा होती है। उनसे यह कहा गया है कि वह अपनी खरीद का 5% एससी-एसटी उद्यमियों से करें। ऐसा होने पर ₹30 हजार करोड़ की खरीदारी फिलहाल SC-ST उद्यमियों से की जा रही है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री कांबले ने मुख्यमंत्री से राज्य में उद्यमियों के लिए सब्सिडी स्कीम की भी मांग की। उन्होंने बताया कि कैपिटल इन्वेस्टमेंट के लिए महाराष्ट्र और तेलंगाना आदि राज्यों में सब्सिडी दी जा रही है। 

कार्यक्रम में दलित इंडियन चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (डिक्की) और ट्राईबल इंडियन चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (टिक्की) के अधिकारियों खेलाराम मुर्मू, राजेन्द्र कुमार, मुनमुन विश्वास, डोमान टुडू के अलावा बड़ी संख्या में अन्य लोग मौजूद थे। 
 

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